वाराणसी में निर्माणाधीन फ्लाईओवर के दो बीम गिरने की खबर जिसने में सुनी और देखी वह दहल गया। इतना दर्दनाक हादसा कइयो ने शायद अपनी जिंदगी में पहली बार देखा हो। कुछ लोग जो शाम को अपने घरों को लौट रहे थे उनके ऊपर अचानक पहाड़ सा बीम गिर जाता है। उनकी गाडिय़ां पिचक जाती हैं और उनकी जिंदगी एक पल में खत्म हो जाती है। शुरूआती खबरों में बताया कि १८ लोगों के शव मिले हैं लेकिन ५० से अधिक लोग मलबे में दबे हैं। हालांकि बचाव कार्य में लगे कई लोगों ने मरने वालों की संख्या १०० से अधिक बता रहे थे। इतने लोगों की जिंदगी को लील जाने वाला फ्लाईओवर बेहद लापरवाही से बनाया जा रहा था। जाहिर है कि इसमें भ्रष्टाचार भी खूब हुआ होगा। यह भी तय है कि इसे बनाते समय कई मजदूरों ने अपनी जान से पहले भी हाथ धो चुके होंगे। कई मजदूर अंग-भंग होकर घर पर बेकाम बैठ गए होंगे। उनके बारे में खबर नहीं दिखाई और प्रकाशित की गई। वैसे भी मजदूरों की खबर तब तक खबर नहीं होती जब तक कि वह वोट में न तब्दील हो जाएं। मजदूरों कर्मचारियों की बात करने वालों को आजकल देशद्रोही तक कह दिया जाता है। हालांकि चुनावी भाषणों में हर कोई इनका कल्याण करने की
सामयिक विषयॊं पर सेहतमंद बहस के लिए।