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अगस्त, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मैं दिल्ली रोड हूं... आज मैं उदास हूं...

रोहतक में मैं दिल्ली रोड हूं। शहर के बीचों बीच से निकली हूं। हर रोज अनगिनत लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती हूं। मेरे ऊपर से हजारों वाहन हर रोज गुजर जाते हैं। लेकिन मैं उफ़ तक नहीं करती। मुझे भी कष्ट होता है। दर्द होता है जब मेरे शरीर पर गड्डों रूपी घाव होते हैं। लेकिन मैं सहती हूं। किसी राहगीर को गिराती नहीं। उसकी जान नहीं लेती। जो अपनी जिंदगी खोते हैं अक्सर उनकी या सामने वाले की ही गलती होती है। कभी ट्रैफिक नियमोँ का न मानना तो कभी तेज रफ्तार। मैं हर मौत पर रोती हूं। अफसोस जताती हूं। अगले ही पल लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में जुट जाती हूं। आज मैं बहुत उदास हूं। रात भर रोई हूं। मेरे जेहन में कई सवाल हैं जिनका कोई उत्तर नहीं दे रहा है। मैं जानना चाहती हूं कल दोपर मेरे सीने पर चढ़कर जिस लड़की को गोली मार कर हत्या कर दी गयी उसकी गलती क्या थी? यही की उसने किसी से प्यार किया था? एक ऐसे युवक से जो उसकी जाति का नहीं था? जिससे वह प्यार करती थी वह ऐसी जाति से था जिसे यह सभ्य समाज सम्मान नहीं देता? क्यों कोई जाति से छोटा बड़ा  हो जाता है? क्यों रिश्तों से बड़ी जाति हो जाती है? कई बार धर्म भी

कविता : बेहतर हो बागों में बहार ही कहिये

इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद देशसेवा के लिए पत्रकारिता में राष्ट्रवाद पर शोध ग्रंथ लिखकर प्रोफेसर बने महोदय ने अपनी कक्षा में विद्यार्थियों से कहा कि सरकारी मंशा पर सवाल उठाना पत्रकार का काम ही नहीं है यह काम विपक्षी दल करता है विपक्षी दल की खबर लिखना पत्रकार का काम ही नहीं है सेना-जवान का गुणगान करिये बहुसंख्यक धर्म का बखान करिये धर्मगुरुओं का यशोगान करिये तंत्र पर कब्जाधारी कुछ भी करें तुम तो हमेशा वाह-वाह करिये किसी की संपत्ति कैसे भी बढ़ी तुम उत्थान का बखान करिये मौत का क्या है आ ही जाती है जज की मौत पर न सवाल करिये बेसिन से यदि गैस चुरा ले कोई ऐसी चोरियों पर ध्यान न दीजिए कमाया है धन देशहित में उसने उसकी देशभक्ति का मान रखिये जानवरों में गाय को माता मानिए इन्हें छू दे कोई तो हाहाकार करिये इनकी रक्षा में मरने वाले शहीद हैं इन्हें मारने वाले को शैतान कहिये गिर जाय गर बनता हुआ पुल कोई इसे विपक्षी दल की चाल कहिये बढ़ जाये गर ई-रिक्शे की बिक्री इसे देश में बढ़ता रोजगार कहिये पकौड़े तलना भी है कारोबार ही ऐसो को उद्यमियों में शुमार करिये बेरोजगारी पर कोई सवा