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तथ्यों को सुधारते हुए


पिछली पोस्ट में कुछ तथ्यात्मक गलतियां रह गई थीं। दरअसल, कथादेश की कहानी प्रतियोगिता में दो सौ नहीं ढाई सौ कहानियां मिलने का दावा संपादक ने किया है। यही नहीं, पहले पुरस्कार में दस हजार तो ठीक है लेकिन दूसरे पुरस्कार के लिए सात नहीं छह हजार और तीसरे के लिए पांच नहीं चार हजार देने की बात है। चारों सांत्वना पुरस्कारों की राशि दो-दो हजार ही है।

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