प्रमुख निवेश बैंकिंग कंपनी मेरिल लिंच और कंसलटेंसी कंपनी कैपजेमिनी की ओर से जारी वर्ल्ड प्रॉपर्टी रिपोर्ट के मुताबिक साल 2007 के दौरान भारत में करोड़पतियों की संख्या में 22.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जो दुनिया में किसी भी देश के मुकाबले बहुत ज्यादा है। यह कितनी बढिया बात है कि देश में करॊडपति बढ रहे हैं लेकिन तेजी से बढ रहे गरीबॊं के बारे में क़या कहा जाए। उनकी संखया क़यॊं नहीं कम हॊ रही है। यही नहीं देश में अमीर और गरीब की खाइ भी तेजी से बढ रही है।
मेरिल लिंच की पिछले साल की रिपोर्ट में भारत 20.5 फीसदी के डिवेलपमेंट रेट के साथ दूसरे नंबर पर था, जबकि सिंगापुर 21.2 फीसदी के साथ पहले नंबर पर था। भारत में अमीरों की संख्या साल 2007 में बढ़कर 23,000 हो गई है, जबकि इसके पिछले साल इनकी संख्या 15,000 थी। भारत के करोड़पतियों की संख्या बढ़ने की दर के लिहाज से चीन दूसरे नंबर पर है, जिसका डिवेलपमेंट रेट 20.3 फीसदी रहा। अब दुनिया भर के वैसे लोगों की संख्या बढ़कर 1.01 करोड़ हो गई है जो कम से कम 10 लाख डॉलर का निवेश कर सकते हैं। बेहद अमीर लोगों की संख्या में 8.8 फीसदी बढ़ गई है। मेरिल लिंच और कैपजेमिनी ने कहा कि रिपोर्ट के इतिहास में पहली बार अमीरों की औसत परिसंपत्ति 40 लाख डॉलर थी।
मेरिल लिंच की पिछले साल की रिपोर्ट में भारत 20.5 फीसदी के डिवेलपमेंट रेट के साथ दूसरे नंबर पर था, जबकि सिंगापुर 21.2 फीसदी के साथ पहले नंबर पर था। भारत में अमीरों की संख्या साल 2007 में बढ़कर 23,000 हो गई है, जबकि इसके पिछले साल इनकी संख्या 15,000 थी। भारत के करोड़पतियों की संख्या बढ़ने की दर के लिहाज से चीन दूसरे नंबर पर है, जिसका डिवेलपमेंट रेट 20.3 फीसदी रहा। अब दुनिया भर के वैसे लोगों की संख्या बढ़कर 1.01 करोड़ हो गई है जो कम से कम 10 लाख डॉलर का निवेश कर सकते हैं। बेहद अमीर लोगों की संख्या में 8.8 फीसदी बढ़ गई है। मेरिल लिंच और कैपजेमिनी ने कहा कि रिपोर्ट के इतिहास में पहली बार अमीरों की औसत परिसंपत्ति 40 लाख डॉलर थी।
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