एक एनजीओ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मोदी सरकार को फटकार लगाई तब जाकर चुनाव के समय लोकपाल की नियुक्ति होने जा रही है। खबर है कि देश के पहले लोकपाल का चयन कर लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज पिनाकी चंद्र घोष देश के पहले लोकपाल होंगे। चयन समिति ने 15 मार्च को एक बैठक में उनके नाम पर मुहर लगा दी है। चयन समिति में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया तरुण गोगोई, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लॉ मेकर्स ने उनके नाम पर अंतिम फैसला किया है। बताया जा रहा है जस्टिस घोष के कार्यभार संभालने का नोटिफिकेशन अगले सप्ताह जारी किया जा सकता है। यह कार्य जो लोकसभा चुनाव के समय किया जा रहा है कायदे से इसे 2014 या 2015 में ही कर देना चाहिए था। लेकिन जब नीति और नीयत में खोट हो तो इस तरह का काम किया ही नहीं जाता है। एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा न खटखटाया होता और सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को फटकार न लगाई होती तो लोकपाल कौन नियुक्त करने वाला था। अब जब नियुक्ति हो जाएगी तो इस ओर भी सीना फुलाया जाएगा और कहा जाएगा कि जो काम 70 साल में नहीं हुआ उसे 5 स
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